शहडोल:बंदियों ने कहा अल्पविराम से मिली जीने की आस

  बंदियों ने कहा अल्पविराम से मिली जीने की आस

शहडोल। मध्यप्रदेश शासन आनंद विभाग भोपाल के निर्देश अनुसार शहडोल के जिला जेल में दो दिवसीय अल्पविराम परिचय कार्यक्रम  12 एवं 13 मार्च को जेल में निरूद्ध बंदियों के साथ आयोजित किया गया।

        कार्यक्रम का आयोजन आनंद विभाग शहडोल टीम, जिला जेल अधीक्षक एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से किया गया।

प्रथम दिवस शुभारम्भ "इतनी शक्ति हमें देना दाता" प्रार्थना से आनंदम सहयोगी सुश्री अपूर्वा सिंह द्वारा किया गया। इसके बाद जिला सहायक नोडल अधिकारी श्री बलराम साहू ने आनंद विभाग के कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि स्वयं से स्वयं की मुलाकात करने का माध्यम है अल्पविराम और यह अवसर हमे आनंद विभाग देता है । मध्यप्रदेश शासन द्वारा नागरिकों के जीवन में खुशहाली लाने और परिपूर्ण आनंदमयी जीवन जीने के लिए आनंद विभाग बनाया गया है जिससे जुड़कर हम अपने भीतर छिपी कमियों की पहचान कर उनमें सुधार कर सकते हैं और अपने जीवन में निरंतर इस्तेमाल किया जा सकता है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री अमित शर्मा ने कहा सभी निरूद्ध बंदियों को निः शुल्क विधिक सेवा का लाभ दिए जाने के प्रावधान हैं आवश्यकता अनुसार निरुद्ध बंदी इसका लाभ प्राप्त पर सकतें है। राज्य आनंद संस्थान भोपाल के स्टेट प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर मुकेश करुआ ने अल्पविराम के सभी टूल्स आनंद की ओर, और जीवन का लेखा जोखा पर प्रकाश डालते हुए विचार रखें।

कार्यक्रम के दूसरे दिवस 13 मार्च को "ये मालिक तेरे बंदे हम" प्रार्थना प्रतिभागियों के द्वारा करते हुए  शुभारंभ  हुआ। उसके बाद प्रथम दिवस के प्रश्नों "मैने किस किस को दुख पहुंचाया" और "मुझे किस किस ने दुख दिया"  से सत्र प्रारंभ किया गया। सीसीडी पर अमित शुक्ल द्वारा चर्चा की गई, फ्रीडम ग्लास मुकेश करूआ ने प्रस्तुत करते हुए अपने भीतर छिपी कमियों को पहचानने और अल्पविराम से माध्यम से सुधार किए जाने पर अपने अनुभव साझा किए। श्री बलराम साहू ने रिश्ते क्या रिश्ते क्यों जरूरी हैं और रिश्ते कैसे बनते एवं बिगड़ते है इस पर अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि अल्पविराम के द्वारा माफी मांग कर या दिल से माफ करके और अपनी ओर से पहल कर बिगड़े रिश्तों को ठीक किया जा सकता है। रिश्तों में सुधार कैसे आया इस पर  मती कल्याणी बाजपेयी,  सहजेंद्र चतुर्वेदी एवं सुश्री अपूर्वा सिंह ने अपने अनुभव बताए। अंत में प्रतिभागियों को शांत समय देकर उनके अनुभव साझा करते हुए "कौन है जिम्मेदार" और "तेरा मंगल, मेरा मंगल सबका मंगल होए रे" गीत के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। इस दौरान 

उप जेल अधीक्षक  गणेश सिंह ने  अपने उद्बोधन में कहा कि आनंद विभाग के अल्पविराम कार्यक्रम से मुझे स्वयं को भी बहुत कुछ सीखने को मिला और कहा कि ये ऐसा कार्यक्रम रहा जिसमे अंत तक सभी प्रतिभागी बैठकर ध्यान से सुना जबकि अन्य कार्यक्रमों में ऐसा नही होता। इस तरह के कार्यक्रमो को आवश्यकता है बंदियों के लिए ये होते रहना चाहिए। कई बंदियों ने भी अपने विचार रखते हुए भावुक हो गए और कहा की आगे का जीवन हम बेहतर बनाएंगे।

     इस पूरे कार्यक्रम का समन्वय  बलराम साहू जिला सहायक नोडल अधिकारी आनंद विभाग शहडोल द्वारा किया गया।


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